21 तक होगा पंजीयन व आलेख जमा।

अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत व मैथिली में लिखने की स्वतंत्रता।

तैयारी के जुटा एनएसएस व व्याकरण विभाग।
दरभंगा।

#MNN@24X7 दरभंगा, अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कृत विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई व व्याकरण विभाग पर्यावरण संरक्षण पर 26 मई को मुख्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित करने जा रहा है। इसके लिए 21 मई तक सौ शब्दों में आलेख लिए जाएंगे और प्रतिभागियों के लिए पंजीयन कराने की भी अंतिम तिथि यही रहेगी। मुख्य विषय पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ इससे जुड़े कुछ उपविषय भी रखे गए हैं जिस पर भी पंजीकृत प्रतिभागी सौ शब्दों में आलेख दे सकते हैं।

उप विषयों में पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ व उसकी व्यापकता, पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जाने वाले विश्व स्तरीय उपाय, पर्यावरण संरक्षण के लिए वैदिक व लौकिक उपाय एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए शैक्षणिक संस्थानों में किये जा रहे उपाय को शामिल किया गया है। आलेख यूनिकोड फंट में केएसडीएसयू डॉट व्याकरण डिपार्ट एट द रेट ऑफ जीमेल डॉट कॉम पर भेजना है। ऑनलाइन के अलावा 21 मई तक व्याकरण विभाग में आलेख ऑफ लाइन भी जमा कराया जा सकता है। शिक्षकों के लिए पंजीयन शुल्क पांच सौ रुपये तथा स्नातक, पीजी व ऊपर के स्तर के छात्रों के लिए चार सौ रुपये निर्धारित किया गया है।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि प्रतिभागी अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत व मैथिली में अपना आलेख तैयार कर सकते हैं। ध्यान रहे कि प्रतिभागिता की विधि ऑन लाईन व ऑफ लाईन दोनों हो सकती है। वहीं एनएसएस के समन्वयक डॉ सुधीर कुमार झा ने कहा कि संगोष्ठी की तैयारी जोरों से चल रही है।