•निक्षय पोषण राशि डीबीटी एवं नोटिफिकेशन संबंधी समीक्षा
•टीबी के संपर्क मे रहने वाले मरीजों को आईएनएच गोली देने का निर्देश
•जिले से डीपीसी, एसटीएस, एसटीएलएस हुए शामिल
•अगस्त 2022 मे 380 मरीजों को किया गया चिन्हित
मधुबनी/6 सितंबर। जिले को यक्ष्मा रोग (टीबी) मुक्त बनाने के लिए सदर अस्पताल के एएनएम सभागार में एनटीईपी (नेशनल ट्यूबक्यूलोसिस एलिमिनेशन कार्यक्रम) के अंतर्गत निक्षय पोषण राशि डीबीटी एवं टीबी नोटिफिकेशन के संबंध में जिला स्तरीय मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के यक्ष्मा कार्यालय के एसीएमओ,सीडीओ सहित सभी कर्मी सम्मिलित हुए।
बैठक के दौरान सीडीओ डॉ. जीएम ठाकुर ने निर्देश दिया कि निक्षय पोषण योजना के तहत राज्य स्तर से फंड का आवंटन किया गया है जिसके तहत पात्र लाभार्थी तथा डॉक्टरों का भुगतान में तेजी लाई जाए. जिसके तहत अगस्त माह से अब तक जिले के 36 डॉक्टरों के द्वारा 1099 टीबी के मरीजों का सूचना देने के लिए भुगतान किया गया है वहीं जिले के 3264 मरीजों का भुगतान किया गया है.
सीडीओ ने बताया टीबी के कंफर्म मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों का गृहभ्रमण कर आईएनएच की गोली सुनिश्चित की जाए. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्राइवेट एवं पब्लिक प्लेस से टी.बी.मरीज का नोटिफिकेशन किया जा रहा है।मरीज का नोटिफिकेशन करते हुए बैंक खाता विवरणी, डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन और आधार डिटेल सम्बंधित स्वास्थ्य केंद्र के एसटीएस/एसटीएलएस को उपलब्ध करावें। प्राइवेट डॉक्टर को मरीज के नोटिफिकेशन पर 500 रु. तथा आउटकम पर भी 500 रु.देने का प्रावधान है। एमडीआर मरीजों को मिलने वाली राशि का लक्ष्य के अनुसार भुगतान किया जाए।
प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ समन्वय कर गृह भ्रमण टीमों के सदस्यो को सभी पंजीकृत टीबी रोगियों का घर भ्रमण कर संपर्क में रहने वाले 5 वर्ष तक के बच्चों एवं वयस्कों में टीबी की स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया गया तथा योग्य बच्चों की लाइन लिस्टिंग करवाने का निर्देश दिया गया. जिले मे प्राइवेट क्लिनिक के साथ काम करने वाली संस्था डॉक्टर फॉर यू को निर्देश दिया गया कि उनके द्वारा नोटिफिकेशन किए गए यक्ष्मा मरीजों का डाक्यूमेंट्स समय से ऑफिस को उपलब्ध कराये जाएं | जिससे वैलीडेशन कर डीबीटी निक्षय पोषण राशि के भुगतान में विलम्ब नहीं हो. साथ हीं कहा कि मरीज का घर विजिट किया जाए और उसमें तेजी लायी जाए । सभी एसटीएस/एसटीएलएस को निर्देश दिया गया कि दवा खा रहे मरीज का घर उपलब्ध कराये गए दोपहिया वाहन से विजिट करें.
टीबी मरीजों की पहचान होते ही गृह भ्रमण करें:
यक्ष्मा रोग एक जटिल रोग है। इसे जल्द से जल्द पहचान कर इलाज शुरू किया जाना चाहिए, ताकि दूसरों व्यक्तियों में यह संक्रमित बीमारी न पहुंचे। वहीं बैठक के दौरान सभी एसटीएस को यह भी निर्देश दिया कि यक्ष्मा रोग की पहचान होते ही एसटीएस उसके घर का भ्रमण जरूर करें। गृह भ्रमण के दौरान टीबी मरीजों के संपर्क में आए लोगों को आईएनएच की गोली देना सुनिश्चित करें। वहीं अगर गृह भ्रमण के दौरान उनके घर के किसी व्यक्ति में भी टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो शीघ्र ही उनके बलगम जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
एमडीआर-टीबी हो सकता है गंभीर, रहें सतर्क:
एमडीआर-टीबी होने पर सामान्य टीबी की कई दवाएं एक साथ प्रतिरोधी हो जाती हैं। टीबी की दवाओं का सही से कोर्स नहीं करने एवं बिना चिकित्सक की सलाह पर टीबी की दवाएं खाने से ही सामान्यता एमडीआर-टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है।
अगस्त 2022 मे 380 मरीजों को किया गया चिन्हित:
जिले में अगस्त 2022 में 380 मरीजों को चिन्हित किया गया । जिसमें 196 मरीज सरकारी संस्थान तथा 174 मरीज प्राइवेट क्लिनिक से चिन्हित किया गया। वही एमडीआर के 10 सहित कुल अगस्त मे 380 मरीज चिन्हित किया गया
समीक्षा बैठक में डीपीसी पंकज कुमार, अनिल कुमार, सत्य नारायण शर्मा, भुवन नारायण कंठ, मोहम्मद अमीरूद्दीन, लैब टेक्निशियन, एसटीएस, एसटीएलएस, डॉक्टर्स फॉर यू , आई आई एच इंडिया, डीएफआईटी के कर्मी मौजूद रहे।