सीएम कॉलेज दरभंगा में युवा दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का हुआ शुभारंभ।
छात्र-छात्राओं में सीखने की प्रवृत्ति उन्हें श्रेष्ठ बनाती हैं – प्रधानाचार्य, सीएम कॉलेज, दरभंगा।
स्वामी विवेकानंद मन , बुद्धि और हृदय पर विजय प्राप्त करने वाले पुरुष रहे हैं – अखिलेश कुमार राठौर विभाग अध्यक्ष, हिंदी, सीएम कॉलेज, दरभंगा।
#MNN@24X7 दरभंगा आज सीएम कॉलेज दरभंगा में राष्ट्रीय महापुरुष स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर युवा दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न विधाओं पर प्रतियोगिताओं का आयोजन सुनिश्चित किया गया जिसके अंतर्गत निबंध, नारा लेखन, चित्रकारी ,भाषण, वाद- विवाद , जन-जागरूकता रैली, शैक्षणिक अध्यापन, रक्तदान , शिविर आयोजन संबंधी अनेक सामाजिक एवं पर्यावरणिक विधा सम्मिलित है।
इस दौरान छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय में भारत सरकार के “विकसित भारत अभियान” पोर्टल पर प्रधानमंत्री के व्याख्यान का लाइव प्रसारण दिखाया गया और हमारे द्वारा आयोजित कार्यक्रम की झलकियां पोर्टल पर अपलोड किया गया जिससे हमारे छात्र छात्राओं की प्रतिभाओं का प्रचार-प्रसार हो , उक्त बातें सीएम कॉलेज के प्रधानाचार्य ने युवा दिवस कार्यक्रम के दौरान कही।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉक्टर मुस्ताक अहमद जी ने कहा कि छात्र-छात्राओं में सीखने की प्रवृत्ति उन्हें श्रेष्ठ बनाती है । यदि कोई छात्र स्वामी विवेकानंद की तरह निष्ठा पूर्वक सीखने के लिए जिज्ञासु है और वह अपने मन में इस बात को ठान लिया है कि “मुझे मालूम है कि मुझे कुछ नहीं मालूम है” तब उनमें अहंकार की भावना का स्वत: परिशमन हो जाता है और वे स्वस्थ शरीर के साथ स्वस्थ मस्तिष्क के द्वारा ज्ञानवर्धन में अग्रणी बनते हैं।
प्रधानाचार्य ने आगे कहा के संसार में जितने भी महापुरुष को जिस-जिस विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाता है , उनमें उनके चिंतन और विचार ही महत्वपूर्ण है । पदाधिकारी के पद तभी तक रहते हैं जब तक वह सेवानिवृत्त नहीं हुए हैं लेकिन जो महापुरुष चिंतक, विचारक, समाज सुधारक एवं समाज सेवक हैं, उनका प्रभाव देशकाल, परिस्थिति के अनुरूप प्रासंगिक होते जाता है महापुरुष अनेक अनेक लोगों के अनुसरण करने योग्य बनते हैं। इसलिए स्वामी विवेकानंद जी के सारे किताबों में केवल शिकागो के संभाषण को ही यदि पढ़ लिया जाए तो विवेकानंद जी के विश्व बंधुत्व के दर्शन को समझा जा सकता है।
प्रधानाचार्य ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए भारत सरकार, विश्वविद्यालय प्रशासन और महाविद्यालय के आयोजक इकाई सहित समस्त शिक्षकों एवं समस्त छात्रों को युवा दिवस की शुभकामनाऍं संप्रेषित की।
युवा दिवस पर आयोजित विभिन्न विधाओं के शुभारंभ कार्यक्रम के अवसर पर कार्यक्रम का संचालन करते हुए हिंदी विभागाध्यक्ष अखिलेश कुमार राठौर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद महापुरुष हैं , युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं। युवाओं के प्रतिभाओं को निखारने , विभिन्न विधाओं में पारंगत होने और स्वावलंबन बनने में विवेकानंद से संबंधित प्रेरक प्रसंग महत्वपूर्ण हैं ।
स्वामी विवेकानंद जी को कुशाग्र बुद्धि के प्रणेता मानते हुए वाणिज्य के प्राध्यापक डॉक्टर ललित कुमार शर्मा ने कहा कि मेधावी छात्र के रूप में स्वामी विवेकानंद अपने बचपन से ही विख्यात हो गए थे, उनकी प्रौढ़ भाषा, स्मरण क्षमता और अभिव्यक्ति शैली अपने आप में रोमांचकारी होता था, यदि छात्र-छात्राऍं इन्हें अपना ले तो वह भी जीवन के उच्चतम स्थान को प्राप्त कर सकेंगे।
राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डॉक्टर आलोक रंजन ने कहा कि छात्र-छात्राओं में विभिन्न विधाओं पर कार्यक्रम आयोजित होने के उत्साह देखने को मिला युवाओं में यह उत्स हा यह उमंग सदैव बरकरार रहना चाहिए और उसके लिए रंजन जी ने कहा कि एनएसएस इकाई के माध्यम से युवाओं को हम अवसर दे रहे हैं यह भी महाविद्यालय के लिए गौरव की बात है।
कार्यक्रम के दौरान वरीय स्वयंसेवक जयप्रकाश कुमार साहू ने कहा कि सेवा योजना इकाई के द्वारा आयोजित होने वाली प्रतियोगिता वाद विवाद एवं भाषण से हम वाक् कौशल सीखने हैं जबकि स्वास्थ्यगत शिविर एवं रक्तदान के माध्यम से परोपकार की भावना जागृत करते हैं जिससे समाज में लोक कल्याण और राष्ट्र निर्माण का कार्य संपन्न होता है। इसी प्रकार अभय कुमार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी को याद करना और उनके मार्ग पर चलना हम लोगों के लिए परम आवश्यक है क्योंकि देश महापुरुषों को यदि भूल जाएं तो हमारे सामने आदर्श उपस्थित नहीं रहेगा, हमें अपने आदर्शों को जीवंत रखने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम करते रहने की आवश्यकता है ।
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए समाजशास्त्र के प्रोफेसर संजीव कुमार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी विश्व बंधुत्व की बात करते थे और इसलिए उनके धर्म, दर्शन , इतिहास और समाज में समान महत्व है।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ मुस्ताक अहमद जी, हिंदी के विभागाध्यक्ष अखिलेश कुमार राठौर , हिंदी के प्रोफेसर डॉक्टर रूपेंद्र झा, डॉक्टर आलोक कुमार राय , डॉक्टर अभिमन्यु कुमार , डॉक्टर बिंदु चौहान , डॉक्टर रीता दुबे, डॉक्टर मीनाक्षी राणा , समाजशास्त्र के प्रोफेसर संजीव कुमार, डॉक्टर रजनी , राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष दिव्या झा , डॉक्टर आशीष बरियार, डॉक्टर आलोक रंजन, डॉक्टर शैलेंद्र श्रीवास्तव, अर्थशास्त्र के प्राध्यापक डॉक्टर आचार्य विकास कुमार, डॉक्टर यादवेंद्र कुमार सिंह, नीरज कुमार, अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर शांभवी, इब्राहिम, उमे सलमा, अर्चना कुमारी, इतिहास के विभागाध्यक्ष डॉ दिवाकर कुमार सिंह, डॉक्टर अखिलेश कुमार विभु, मैथिली के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर रागिनी रंजन, डॉक्टर सुरेंद्र भारद्वाज, मनोविज्ञान के प्रोफेसर डॉक्टर एकता श्रीवास्तव, डॉक्टर विजय सेन पांडे, डॉक्टर प्रगति, डॉक्टर निशांत सिंह, संस्कृत के विभागाध्यक्ष डॉ संजीत कुमार झा, डॉक्टर शशी भूषण भट्ट, उर्दू के प्रोफेसर डॉ अब्दुल हई, डॉक्टर फैजान हैदर, उर्दू के विभागाध्यक्ष डॉक्टर मोहम्मद खालिद अंजुमन उस्मानी सहित तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में सरफराज, छात्र-छात्राओं में छात्र जयप्रकाश कुमार साहू, अभय, सचिन, दीपक, रीना, महिमा आदि अनेक छात्र-छात्राओं की उपस्थिति सराहनीय रही।