#MNN@24X7 दरभंगा कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के अंतर्गत युवा चेतना मंच के युवा प्रेरणा पक्ष के दूसरे दिन एक चर्चा सत्र तथा संगोष्ठी का आयोजन हुआ।

इसकी अध्यक्षता शिक्षा शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 घनश्याम मिश्र जी ने की ।चर्चा सत्र में विश्वविद्यालय के शैक्षिक गतिविधियों में अपेक्षित सुधार विषय पर चर्चा हुई, जिसमें अंकित मिश्र, तनय, रविकांत, सोनी, सावन, तथा चंदन आदि छात्रों ने अपेक्षित शैक्षिक सुधार के संबंध में अपनी बातें रखी ।तथा युवाओं के चरित्र निर्माण में विवेकानंद की भूमिका विषय पर गोष्ठी में अनेक आचार्यों ने अपनी बातें रखीं ।

साहित्य विभागीय आचार्य रितेश चतुर्वेदी ने बताया कि यदि आप समाधान का हिस्सा नहीं है तो आप भी एक समस्या है ।डॉ धर्मवीर जी सहायक प्राचार्य साहित्य विभाग ने बताया कि विवेकानंद का चरित्र अनुकरणीय है। रमेश्वर लता संस्कृत महाविद्यालय दरभंगा के हिंदी के सहायक प्राध्यापक डॉ0 सुनील जी ने छात्रों का संकल्प ही स्वामी विवेकानंद जी के चरित्र का अनुकरण हो।

सत्र एवं गोष्ठी के अध्यक्षता कर रहे डॉ घनश्याम मिश्र जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि निरंतर उत्साह का होना ही युवा होने का प्रमाण है ,जिसमें विवेकानंद का उत्कृष्ट चरित्र दर्शनीय है। मंच संचालन तथा सभी सुधजनों एवं छात्रों का धन्यवाद युवा चेतना मंच के संयोजक डॉक्टर सुधीर कुमार ने किया।