समापन समारोह में कुलसचिव ने भी जताई सहमति

#MNN@24X7 दरभंगा, पटना के नौबतपुर इलाके के संस्कृत प्रेमियों के लिए खुशी की खबर है कि उनकी चिर प्रतीक्षित आस पूरी होनेवाली है। अब यहां के राघवेंद्र संस्कृत महाविद्यालय, तरेतपाली में स्नातकोत्तर (आचार्य) एवं शिक्षा शास्त्री(बीएड) की पढ़ाई शुरू हो सकती है। इसके लिए संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 ब्रजेशपति त्रिपाठी ने जरूरी प्रस्ताव मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया है।

पिछले दस दिनों से कॉलेज में जारी संस्कृत संभाषण शिविर के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने कुलसचिव प्रो0 त्रिपाठी तरेतपाली आये थे। कालेज की व्यवस्था से संतुष्ट प्रो0 त्रिपाठी ने सहमति जताई कि यहां का वातावरण नए पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए माकूल है। साथ ही उन्होंने संस्कृति संवर्धन और संरक्षण के लिए संस्कृत को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इसे सामान्य जनों की भाषा बतलाते हुए कुलसचिव ने प्रत्येक अध्यापक को कम से कम दस छात्रों को संस्कृत संभाषण के लिए तैयार करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि इसमें शिक्षकों को स्वयं की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि प्रधानाचार्य डॉ अनिल कुमार ईश्वर की अध्यक्षता में आयोजित समापन समारोह के दौरान आमजनों में आचार्य की पढ़ाई शुरू होने की चर्चा से खुशी का माहौल था। वहीं विशिष्ट वक्ता संस्कृत भारती के संगठन मंत्री श्रवण कुमार एवं संपर्क प्रमुख डॉ. रामेश्वरधारी सिंह ने भी संस्कृत शिक्षा व सम्भाषण पर विशेष फोकस दिया। इसके लिए विश्वविद्यालय को हरसंभव मदद का भी द्वय वक्ताओं ने भरोसा दिया।

विश्ववविद्यालय के एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार झा ने भी संस्कृत व संस्कृति की रक्षा व संरक्षा पर बल दिया। प्रधानाचार्य डॉ ईश्वर द्वारा आगत अतिथियों का स्वागत किया गया तथा
विद्यार्थियों के चतुर्दिक एवं सर्वांगीण विकास के 8 बात कही। महावि‌द्यालय के प्राध्यापक डॉ. शशिकान्त पाण्डेय, डॉ. श्रीमन्नारायण कुमार, विशाल कुमार, डॉ. नवनीत पाण्डेय, डॉ. प्रदीप महतो, डॉ. मीना कुमारी एवं कर्मचारियों में कालिन्दी एवं नटवर कुमार के सहयोग से समापन समारोह संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में विभिन्न महावि‌द्यालय फतुहा, अकबरपुर, धानामठ के प्राध्यापक गण भी उपस्थित थे।