#MNN@24X7 दरभंगा, क़ृषि विज्ञानं केंद्र जाले पर वरीय वैज्ञानिक रवं प्रमुख डॉ. दिव्यांशु शेखर के निर्देशन में मात्स्यकी वैज्ञानिक डॉ पवन कुमार शर्मा द्वारा बायोफ्लॉक तकनीकी के माध्यम से मछलि पालन विषय पर 4 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ।
प्रशिक्षण का आयोजन ग्रामीण युवक एवं युवतियों के लिए किया गया जिसमे उनको बायोफ्लॉक तकनीकी से मछली पालन कि जानकारी दी गई ।
आगामी तीन दिनों में इन प्रशिक्षुओ को प्रायोगिक कक्षाओं के माध्यम से बायोफ्लॉक टैंक निर्माण एवं प्रबंधन विषय पर जानकारी दी जाएगी।
डॉ. शर्मा ने बताया कि इस विधि से मछली पालन काम भूमि वाले किसानों के लिए भी संभव है साथ ही इस विधि से अधिक घनत्व पर मछली संचय करके काम जगह पर अधिक उत्पादन लिया जा सकता है।
साथ ही डॉ. शर्मा ने बताया कि मछली पालन में बीज कि गुणवत्ता एक महत्वपूर्ण पहलु है एस लिहाज़ से यह प्रशिक्षण मत्स्य पालको एवं व्यवसाइयो के लिए रोजगार के नये आयाम स्थापित करने में एक मत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, क्योंकि इन टैंक का इस्तेमाल स्पॉन आकर कि मछली को फ्राई एवं फिंगर्लिग आकार तक पालाने में भी किया जा सकता है ।
डॉ. शर्मा ने बताया कि इस तकनीकी को बढ़ावा देने हेतु केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के माध्यम से अनुदान भी प्रदान कर रही जिसकी विस्तृत जानकारी आगामी कक्षाओं में दी जाएगी।