#MNN@24X7 दरभंगा, 27 फरवरी, दरभंगा जिले के सदर प्रखंड के कंसी गाँव की रहने वाली पुतुल देवी की जिंदगी कभी संघर्ष से भरी हुई थी। शादी के बाद कुछ वर्षों तक उनका जीवन सामान्य रहा, लेकिन जब उनके पति शराब के आदी हो गए तब हालात बिगड़ने लगी, शराब से उनकी पति मानसिक रूप से बीमार हो गया।

पुतुल देवी ने उनका इलाज करवाने के लिए रांची तक का सफर तय की, लेकिन चार साल तक ईलाज के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। इस कठिन परिस्थितियों में पुतुल देवी को अपने परिवार का भार अकेले उठाना पड़ा। परिवार चलाने के लिए संघर्ष कर रही पुतुल देवी का चयन सतत जीविकोपार्जन योजना (SJY) के तहत जनवरी 2020 में अत्यंत गरीब परिवार के रूप में हो गया।

सतत जीविकोपार्जन नीतीश कुमार, माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण तथा महत्वकांक्षी योजना है। राज्य सरकार द्वारा शराबबंदी से पूर्व देशी शराब तथा ताड़ी के उत्पादन तथा बिक्री में पारम्परिक रूप से जुड़े अत्यंत निर्धन तथा अनुसूचित जाति तथा जनजाति तथा अन्य समुदायों के चिन्हित परिवारों के लिए यह काफी उपयोगी योजना है। इसके तहत परिसम्पति क्रय करने के लिए 60 हजार से 01 लाख तक निवेश हेतु राशि दी जाती है। इसके तहत दुधारू पशु पालन, बकरी, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन, नीरा, अगरबती व्यवसाय तथा कृषि गतिविधियों के लिए प्रदान की जाती है। ऐसे परिवारों को निःशुल्क कौशल विकास तथा प्रशिक्षण भी दी जाती है।

फरवरी 2021 में जीविका के सूरज ग्राम संगठन के माध्यम से उन्हें श्रृंगार दुकान शुरू करने के लिए सहायता दी गई। परिश्रम और सफलता से श्रृंगार दुकान शुरू करने के बाद पुतुल देवी ने अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए मेहनत की। धीरे-धीरे उनकी आय में वृद्धि हुई, जिससे उन्होंने बचत करना शुरू किया।

इस बचत से उन्होंने गाय पालन शुरू की, इसके अलावा उन्होंने बकरी पालन भी शुरू की, जिसकी कुल संपत्ति 50 हजार रूपये तक पहुँच चुकी है।

आज पुतुल देवी की मासिक आय 9,000 रूपये तक हो गई है, जिसमें लगातार वृद्धि हो रही है। इससे वे अपने तीनों बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रही है।

सरकारी योजनाओं से लाभ पुतुल देवी को मिल रहा है जैसे राशन कार्ड, जीवन बीमा (PMJJBY/PMSBY), उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन और शौचालय निर्माण आदि कई सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है। साथ ही उनके पास बैंक खाता भी है जिससे वह वित्तीय रूप से और सशक्त हो रही हैं। यह महिला सशक्तिकरण की मॉडल बन गई।

भविष्य की उम्मीदें

अब पुतुल देवी की व्यवसाय फल-फूल रहा है, लेकिन महत्वकांक्ष आगे बढ़ने की है। वह अपने तीनों बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना चाहती हैं ताकि वे एक बेहतर भविष्य बना सकें। उनके दृढ़ संकल्प, मेहनत और जीविका की सहायता से उनके जीवन में आशा की एक नई किरण जगी है।

पुतुल देवी आज न केवल आत्मनिर्भर हैं, बल्कि अपने गाँव की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणाश्रोत बन चुकी हैं। उनकी यह कहानी साबित करती है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर हिम्मत और सही दिशा में प्रयास किए जाएँ तो सफलता निश्चित है। महिला सशक्तिकरण के लिए बिहार सरकार द्वारा कई योजनाएँ संचालित है।

सत्येंद्र प्रसाद