• मरीजों से लिया गया फीडबैक रिपोर्ट से सिविल सर्जन को कराया जाएगा अवगत
•स्वास्थ्य सुविधाओं के गुणवत्ता में और होगा सुधार

मधुबनी /17 जून
मरीजों को अब सदर अस्पताल में गुणवत्तापूर्ण इलाज के साथ-साथ अस्पताल से डिस्चार्ज होने के उपरांत मरीज से फोन के माध्यम से फीडबैक लिया जाएगा और प्रतिदिन इस रिपोर्ट को संध्याकाल में सिविल सर्जन को अवगत कराया जाएगा. रिपोर्ट के आधार पर सिविल सर्जन आवश्यक निर्णय लेंगे. सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया अस्पताल में एसएनसीयू, गायनिक ( स्त्री एवं प्रसूति रोग), पुरुष वार्ड,महिला वार्ड, ऑर्थोवार्ड सहित अन्य वार्डो से डिस्चार्ज होने वाले सभी मरीजों का सदर अस्पताल अब फीडबैक लेगी. जिसके लिए सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक के कार्यालय के बगल में एक कक्ष बनाया जाएगा तत्काल इस योजना की शुरुआत शुक्रवार को अस्पताल प्रबंधक के कक्ष से शुरू की गई है जिसमें एएनएम पूनम कुमारी को प्रतिनियुक्त किया गया है संध्या 4:00 तक 20 से अधिक मरीजों से फीडबैक लिया गया.

स्वास्थ्य सुविधाओं के गुणवत्ता में और होगा सुधार:

डॉ. झा ने बताया स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण के लिए यह योजना बिहार के मधुबनी जिले में ही शुरू की गई है. इस योजना के जरिए खास तौर से उन क्षेत्रों और जोखिम वाले समूहों को लाभ मिलेगा जिन तक स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच नहीं है। इसके अलावा स्वास्थ्य तंत्र द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा यह कार्यक्रम स्वास्थ्य सुविधाओं के गुणवत्ता प्रमाणन को सक्षम करेगी।

सोमवार से शनिवार तक काम करेगा कक्ष:

अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद ने बताया इस कक्ष से मरीजों से फीडबैक सोमवार से शनिवार तक लिया जाएगा. सुबह 10:00 बजे के बाद मरीजों का फॉलोअप होना शुरू हो जाएगा. डिस्चार्ज होने वाले सौ फ़ीसदी मरीजों का फोन के माध्यम से फॉलो अप किया जाएगा.वर्तमान में एक एएनएम की प्रतिनियुक्ति की गई है आगे दो और कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. मरीजों को किए जाने वाले फॉलोअप के दौरान अगर किसी मरीजों के द्वारा समस्या की जानकारी दी जाती है तो वैसे मरीजों को सदर अस्पताल बुलाकर पुनः चिकित्सीय परामर्श दिया जाएगा. 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले बुजुर्ग तथा प्रसव के बाद 42 दिनों तक गर्भवती महिलाओं को किसी तरह की समस्या होने पर अस्पताल आने तथा अस्पताल से जाने के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस उपलब्ध कराया जाएगा उन्होंने बताया जब तक मरीज पूर्णता संतुष्ट नहीं होगा तबतक प्राथमिकता के आधार पर नियमित रूप से दूरभाष के माध्यम से फॉलोअप किया जाएगा।

गर्भवती माताओं की की जाएगी विशेष निगरानी :

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया गर्भवती माताओं को तीसरे माह से ही निगरानी शुरू कर दी जाएगी साथ ही सातवें,आठवें एवं नौवें माह में एएनसी के दौरान चिकित्सीय परामर्श के साथ-साथ फोन के माध्यम से गर्भवती को आवश्यकतानुसार परामर्श दिया जाएगा। जिसमें रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियाँ की जानकारी दी जाएगी.संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को सदर अस्पताल में ही प्रसव कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा, बल्कि शिशु-मृत्यु दर पर विराम लगेगा। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों को अनावश्यक परेशानियाँ का सामना नहीं करना पड़ेगा।