#MNN@24X7 पटना। BSSC पेपर लीक मामले को लेकर प्रदर्शन के दौरान पटना के डाकबंगला में छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ है, जिसमें कई छात्र घायल हुए हैं. वहीं इस दौरान कई छात्रों को हिरासत में भी लिया गया है. प्रदर्शनकारियों ने पटना कॉलेज गेट से मलाही पकरी, भिखना पहाड़ी होते हुए बीएसएससी कार्यालय तक के लिए पैदल मार्च निकाला. अभ्यर्थी, एक्सपर्ट और महागठबंधन की कई पार्टियां भी यही मानती हैं कि परीक्षा रद्द होनी चाहिए. इससे पहले 29 दिसंबर को भी सोशल मीडिया पर छात्रों ने आंदोलन चलाया था.

छात्रः अभ्यर्थियों का कहना है कि सिर्फ एक परीक्षा रद्द की गई है, जबकि दूसरे और तीसरे शिफ्ट की परीक्षा भी रद्द होनी चाहिए क्योंकि दोनों शिफ्ट के क्वेश्चन सोशल मीडिया पर परीक्षा के दिन से ही वायरल हो रहे हैं. अभ्यर्थी इस बात से भी नाराज दिखे कि तेजस्वी यादव जब विपक्ष में थे तो उन्होंने पेपर लीक के बाद पुनर परीक्षा आयोजित कराने में अभ्यर्थियों को भत्ता देने की बात कहते थे, 1000000 सरकारी नौकरी देने की बात करते थे लेकिन अभी के समय लंबे समय बाद बीएसएससी सीजीएल 3 की परीक्षा ली गई उसमें भी क्वेश्चन लीक हो गया और तेजस्वी यादव अब तक इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.

अभ्यर्थियों ने कहा कि छात्रों युवाओं के मुद्दे पर नेता सिर्फ राजनीति करते हैं राजनीतिक बयानबाजी करते हैं और अपनी राजनीति चमकाते हैं और छात्रों के भविष्य को ताक पर रख देते हैं. बीएसएससी की सभी पालियों की परीक्षा रद्द करने की हमारी मांग है. तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द की जाए और दोबारा से पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित की जाए.अन्याय के खिलाफ हर हाल में विरोध होगा. क्योंकि ऐसा नहीं करने से परीक्षा में धांधली करने वालों का मनोबल बढ़ता जाएगा. मेहनत से पढ़ने वाले छात्रों का हौसला पस्त हो रहा है, उनकी उम्मीदें टूट रही हैं वो पिछड़ रहे हैं”
– दिलीप कुमार, छात्र नेता.

दोबारा पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजन की मांग।

छात्रों के इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि उनकी मांग है कि तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द की जाए और दोबारा से पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित की जाए. दोबारा की परीक्षा आयोजित हो तो ओएमआर शीट का कार्बन कॉपी और क्वेश्चन बुकलेट अभ्यर्थियों को परीक्षा है उसे बाहर ले जाने की अनुमति दी जाए. क्वेश्चन पेपर लीक करने वाले बड़े माफियाओं पर कार्रवाई हो और परीक्षा के तुरंत बाद आंसर की जारी किया जाए. उन्होंने कहा कि भीषण ठंड में अभ्यर्थी अपने भविष्य की चिंता को लेकर पटना की सड़कों पर उतरे हुए हैं और वह सरकार से अपील करेंगे कि अभ्यर्थियों के हित में फैसला ले और अभ्यर्थियों के मांगों को पूरा करें.

528 केंद्रों पर आयोजत हुई थी परीक्षा।

आपको बता दें कि 23 और 24 दिसंबर को बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा तृतीय स्तानक स्तरीय संयुक्त परीक्षा प्रदेश के 38 जिलों के 528 परीक्षा केंद्रों पर आयोजत की गई थी. जिसका प्रश्न पत्र फोटो व्हाट्सएप पर वायरल हो गया था. परीक्षा देकर बाहर निकले छात्रों ने जब इसका मिलान किया तो इस बात की पुष्टि हुई कि पेपर लीक हो चुका था.