#MNN@24X7 राजा पाकर, वैशाली 04 मई, जन सुराज पदयात्रा के 215वें दिन की शुरुआत वैशाली के राजापाकर प्रखंड अंतर्गत राजापाकर उत्तरी पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ राजापाकर उत्तरी पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा भलुई, बैकुंठपुर, बखरी बरई होते हुए राजापाकर प्रखंड के जाफरपट्टी पंचायत स्थित राजकीय बुनियादी विद्यालय में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। आज प्रशांत किशोर वैशाली के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 3 आमसभाओं को संबोधित किया और 5 पंचायत के 15 गांवों से गुजरते हुए 12.5 किमी की पदयात्रा तय की।

अगले चुनाव में मोदी, लालू, नीतीश, कांग्रेस में से किसी पर भरोसा मत कीजिए, खुद पर भरोसा कर जनता की सरकार बनाइए: प्रशांत किशोर।

जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि आप अपने बच्चों के भविष्य के लिए नहीं सोचेंगे तो जिस गरीबी और बदहाली में आपका जीवन गुजरा है, उसी गरीबी और बदहाली में आने वाली पीढ़ी और आपके बच्चों का जीवन बीतेगा। इसलिए संकल्प लीजिए कि आने वाले समय में वोट जाति-धर्म पर नहीं, नाली-गाली पर नहीं, 5 किलो अनाज, मंदिर और मस्जिद पर नहीं अपने बच्चों का चेहरा देखकर देंगे। इस अभियान का नाम है जन सुराज, इसका मतलब है सुंदर राज। आपने मोदी, लालू, नीतीश, कांग्रेस सब को वोट देकर देख लिए लेकिन किसी ने आपका जीवन नहीं सुधारा है, तो अब किसी पर भरोसा मत कीजिए। अपने आप पर भरोसा कीजिए और जनता की सरकार बनाइए। यही है जन सुराज यानि जनता का सुंदर राज।

चुनाव के समय वोट के लिए 1 हजार देने वाले विधायक उम्मीदवार चुनाव जीतने के बाद जनता से ही 20 हजार वसूली करते हैं: प्रशांत किशोर।

जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आप सब कुर्त्ता-पैजामा पहने लोगों को देखकर गिड़गिड़ाने लगते हैं कि भैया राशन कार्ड दिलवा दो, भैया नाली बनवा दो, भैया हमारे लड़के को रोजगार दिलवा दीजिए। आप भिखारी नहीं है आपके पास राजा बनाने का अधिकार है, लेकिन जब वोट देना होता है तो उस दिन 500 रुपए लेकर मुखिया को वोट दे देते हैं जब आप मुखिया से 500 रुपए लेकर वोट देंगे तो जीतने के बाद मुखिया इंदिरा आवास में 20 हजार रुपए लेगा ही। वोट के दिन बिहार के लोगों को मुर्गा-भात, शराब और 500 रुपए का ध्यान रहता है और फिर मुखिया के काम न करने पर उसको चोर बताते हैं। अगर आप पैसे के बदले अपना वोट बेचेंगे तो आप वोट नहीं बेच रहे हैं, आप अपने बच्चों का भविष्य बेच रहे हैं। मुखिया चुनाव में 500 रुपए देते हैं और विधायक चुनाव में 1 हजार रुपए देता है और जीतने के लिए 1 हजार के बदले 20 हजार रुपए की वसूली करेगा।