पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में गुड़िया कुमारी अव्वल।

निबंध प्रतियोगिता का परिणाम एक सप्ताह के भीतर प्रकाशित होगा-अखिलेश कुमार राठौर।

अंबेडकर के विचारों को अपनाकर समतामूलक समाज की स्थापना कर सकते हैं-प्रधानाचार्य सीएम कॉलेज दरभंगा।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर डबल पीएचडी अर्जित करने वाले महान विद्वान-डॉ दिवाकर कुमार सिंह

उच्च शिक्षा के माध्यम से छोटी बड़ी गलतियों का सुधार संभव -डॉ शशांक शुक्ला।

प्रत्येक प्रतियोगिता कुछ बेहतर करने का शानदार मंच- डॉ अभिमन्यु कुमार

#MNN@24X7 आज सीएम कॉलेज दरभंगा में भीमराव अंबेडकर जयंती के पूर्व संध्या के अवसर पर एनएसएस इकाई एक एवं दो के संयुक्त तत्वावधान में प्रधानाचार्य डॉ अशोक कुमार पोद्दार जी की अध्यक्षता में “डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के विचारों की प्रासंगिकता” विषयक निबंध प्रतियोगिता एवं भीमराव अंबेडकर आधारित “पोस्टर मेकिंग /सह नारालेखन /कथन-विचार प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में कुल 10 प्रतिभागियों ने सहभागिता किया जिसमें कला संकाय की गुड़िया कुमारी प्रथम स्थान पर रही जबकि ईशा कुमारी ठाकुर (अंग्रेजी ऑनर्स) को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ, श्रेया सिंह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य जी ने भीमराव अंबेडकर के तस्वीर पर माल्यार्पण करते हुए इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए एनएसएस इकाई को शुभकामनाएं दी, उन्होंने इस प्रतियोगिता में सम्मिलित सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं वरीय स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को मेडल से सम्मानित किया। प्रधानाचार्य जी ने कहा कि भीमराव अंबेडकर की जयंती को मनाने के पीछे हारकर भी जीत जाने का संदेश छिपा हुआ है, विपरीत परिस्थितियों में शिक्षित बनने संगठित होने और संघर्ष करते रहने की भावना जागृत होते हैं, समतामूलक समाज के निर्माण में अंबेडकर के विचार प्रासंगिक हैं।

इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ दिवाकर कुमार सिंह जी ने कार्यक्रम में भीमराव अंबेडकर के विचारों एवं जीवनी के विषय में व्याख्या करते हुए कहा कि भीमराव अंबेडकर उन महान विद्वानों में से हैं जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में दो बार पीएचडी की डिग्री हासिल की, विभिन्न देशों के संविधान का अध्ययन करते हुए उन्होंने भारतीय संविधान का निर्माण किया और भारतवर्ष में जाति आधारित भेदभाव को अंत करने और सभी लोगों के लिए शिक्षा के मार्ग को खोलने का काम किया।

चित्र कला पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में सम्मिलित दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ शशांक शुक्ला जी ने कहा कि प्रतियोगिता में छोटी-बड़ी गलतियों को विशेष रूप से परखा जाता है ऐसे गलतियों का मूल्यांकन करते हुए वास्तविक परिणाम की घोषणा की जाती है, शिक्षित लोगों से ही छोटी बड़ी गलतियों के सुधार की उम्मीद होती हैं।

कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत एवं संचालन करते हुए हिंदी के विभागाध्यक्ष सह एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी अखिलेश कुमार राठौर ने कहा कि प्रतियोगिता दो विषय पर आधारित है एक पोस्टर मेकिंग और दूसरा निबंध कौशल। इसका तात्पर्य यह है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में राइटिंग स्किल और चित्रपट पर आधारित तर्कशक्ति को बौद्धिक रूप से बढ़ाने में इस प्रकार के प्रतियोगिता कारगर साबित होते हैं , प्रतियोगी परीक्षाओं में भारतीय संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर एवं संविधान की प्रस्तावना, मूल अधिकार और मूल कर्तव्य विषयक विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं, उन्हीं प्रश्नों से अपने छात्र छात्राओं को लाभान्वित करने के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कुल 50 प्रतिभागियों ने बताओ और प्रतियोगी सहभागिता किया है जबकि कार्यक्रम में 108 विद्यार्थियों ने अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की।

राठौर ने कहा कि इतनी बड़ी तादाद में अंबेडकर जी की जयंती मनाने वाले लोग उनके पदचिन्हों पर चलते हुए उनके विचारों को अपनाते हैं । उनके विचार पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता पोस्टर मेकिंग में कला संकाय से गुड़िया कुमारी प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि द्वितीय स्थान पर ईशा ठाकुर (अंग्रेजी) की छात्रा ने स्थान बनाया । राठौर जी ने बताया कि निबंध प्रतियोगिता का मूल्यांकन अभी नहीं हुआ है, 1 सप्ताह के भीतर प्राप्त 40 प्रतिभागियों के निबंध आधारित अभ्यावेदन पर मूल्यांकन करके रिजल्ट का प्रकाशन किया जाएगा और वरीय स्थान प्राप्त प्रथम द्वितीय एवं तृतीय प्रतिभागियों को मेडल से सम्मानित किया जाएगा जबकि प्रतियोगिता में उपस्थित सभी छात्र छात्राओं को एक सप्ताह के भीतर प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

हिंदी के सहायक प्राध्यापक डॉ अभिमन्यु कुमार ने कहा की प्रतियोगिता से छात्र-छात्राओं में निबंध कौशल एवं चित्रकला के प्रति जन जागरूकता बढ़ी है और वे शिक्षित होकर समाज को भीमराव अंबेडकर के विचारों से अवगत कराने में सफल होंगे ऐसी आशा और उम्मीद व्यक्त करते हुए उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए एनएसएस इकाई के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

वही स्वयंसेवक सत्यम कुमार ने कहा कि समतामूलक समाज में अंबेडकर के विचारों को अपनाया जाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

वरीय स्वयंसेवक कुमार सौरभ ने कहा की अंबेडकर कई देशों के संविधान को पढ़ने वाले व्यक्ति थे और वे विश्वरत्न के रूप में विख्यात हुए। हमें भी अपने कर्म के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।

वरीय स्वयंसेवक अमरजीत ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की।

इस कार्यक्रम में प्रधानाचार्य डॉ अशोक कुमार पोद्दार जी, एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी अखिलेश कुमार राठौर , इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ दिवाकर कुमार सिंह, दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ शशांक शुक्ला , हिंदी सहायक प्राध्यापक डॉ अभिमन्यु जी सहित अनेक शिक्षक- शिक्षकेत्तरकर्मीगण कार्यक्रम में उपस्थित थे जबकि विद्यार्थियों में मुकुंद कौशल प्रभास कुमार राहुल कुमार रविंद्र झा श्रेया सिंह क्षमता कुमारी मिथुन कुमार अलका कुमारी नितेश प्रसाद, सफ़ीना महफूज, सालेहा प्रवीण लालू कुमार मीना कुमारी लाइबा महफूज दीपांजलि चौधरी निभा कुमारी प्रेम कुमार प्रियांशु चौधरी सना प्रवीण अफजल कुमार अमरजीत कुमार कुमार सौरभ सत्यम कुमार, बुद्धिमान कुमार गोविंद कुमार पोद्दार कोमल कुमारी मनीष कुमार दिलीप कुमार महतो रजनी कुमारी सर्विस खातून सहाना खातून सहित 108 छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम में योगदान दिया।