दरभंगा, 21 नवम्बर समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में उप विकास आयुक्त श्रीमती अमृषा बैंस की अध्यक्षता में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत 11 अवयवों में किए गए कार्यों की समीक्षा बैठक की गयी।
   
बैठक में अतिक्रमण वाले चिन्हित तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराने की समीक्षा में पाया गया कि अभी भी 08 कुँआ एवं 14 तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना शेष है।
संबंधित अंचलाधिकारी को इन्हें अतिशीघ्र अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश दिया गया।

उप विकास आयुक्त ने कहा कि इस सप्ताह के अंत तक इन तालाबों एवं कुँओं पर से अतिक्रमण हट जाना चाहिए।
    
लघु जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि उन्हें पाँच एकड़ से बड़े 24 तालाब जीर्णोद्धार हेतु मिले थे। जिनमें से 19 में कार्य प्रारंभ करवाया गया था और उनमें से 14 तालाबों का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण कर लिया गया है, शेष पाँच तालाब को अति शीघ्र पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया।
      
इसके अतिरिक्त वर्ष 2022 से वर्ष 2025 के लिए अतिरिक्त 24 तालाबों का जीर्णोद्धार करवाने का लक्ष्य दिया गया।

बताया गया कि लघु जल संसाधन विभाग द्वारा तीन चेक डैम का भी निर्माण कराया गया है।

मनरेगा के अंतर्गत वर्ष 2022-25 के लिए 383 तालाबों का जीर्णोद्धार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिनमें से 2022-23 में 36, 2023-24 में 147 एवं 2024-25 में 200 तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इसी प्रकार जिले के 39 आहर एवं 74 पईन का जीर्णोद्धार किया गया बताया गया है।
    
बताया गया कि वर्ष 2019-22 के लिए मनरेगा के अंतर्गत 336 तालाबों को जीर्णोद्धार के लिए चयन किया गया था, जिनमें से 284 तालाब को पूर्ण किया जा चुका है शेष 52 को भी अति शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया।

कुँओं के किनारे सोख्ता निर्माण की समीक्षा में बताया गया कि 126 कुँओं के किनारे सोख्ता निर्माण कराया गया है, जिनमें नगर निगम के द्वारा 39 एवं मनरेगा के अंतर्गत 43 कुँओं के समीप सोख्ता बनाया गया है, शेष कुँओं का जीर्णोद्धार  ग्राम पंचायतों द्वारा कराया गया है।
      
इसी प्रकार चापाकल के समीप सोख्ता निर्माण की समीक्षा में बताया गया कि नगर निगम दरभंगा में 175 चापाकल के समीप सोख्ता बनवाया गया है तथा मनरेगा तहत लगभग 1600 चापाकल के किनारे सोख्ता बनवाया गया है। मनरेगा के द्वारा 23 चेक डैम का निर्माण करवाया गया। खेत पोखर निर्माण की समीक्षा में बताया गया कि 603 नए जल स्रोतों का निर्माण कराया गया है।
    
छत वर्षा जल संचयन संरचना की समीक्षा में पाया गया कि जिले के 336 भवनों में यह संरचना बनाया गया है।
    
इसी प्रकार वृक्षारोपण की समीक्षा में किए गए लगभग6 लाख वृक्षारोपण की प्रविष्टि जल-जीवन-हरियाली पोर्टल पर कराने के निर्देश दिया गया।

जिले में 503 एकड़ में जैविक खेती तथा 200 एकड़ में टपकन सिचाई करवाया जा रहा है।

विद्युत विभाग द्वारा बताया गया कि सौर ऊर्जा के प्रयोग बढ़ने से उनके विपत्रों में 1.49 प्रतिशत की कमी हुई है।

बैठक को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा कि वर्ष 2019-22 के लिए जिन विभागों को जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत लक्ष्य निर्धारित किए गए थे। वे अपने बचे हुए कार्यों को शीघ्र पूरा कर लें तथा वर्ष 2022-25 के लिए अपना लक्ष्य स्वयं तय कर लें या विभाग से प्राप्त कर लें और तदानुरूप अपने कार्य करें।

बैठक में अपर समाहर्ता-सह-अपर जिला दंडाधिकारी राजेश झा राजा, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।