स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उठाए जा रहे सकारात्मक कदम

स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों की सेहत संवारने में सीएचओ की भूमिका अहम

#MNN@24X7 मधुबनी, बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन द्वारा संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव को बेहतर व सुदृढ़ बनाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग संकल्पित है। इसका मुख्य उद्धेश्य है मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने में जुटा है। शहर के स्थानीय होटल में ज़िलें के 30 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रशिक्षित किया गया।

स्वास्थ्य सेवाओं को किया जा रहा है पहले से बेहतर:

ज़िले के सभी नागरिकों को बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में जिला अग्रसर है। इसको पहले से बेहतर बनाने के लिए सुरक्षित प्रसव के साथ.साथ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मुख्य भूमिका सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों होती हैं। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में इनलोगों की भूमिका अतिमहत्वपूर्ण मानी जाती है। ज़िले में 30 आयुवर्ष से अधिक उम्र के लोगों को ग़ैर संचारी रोगों का जांच और उपचार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।

ग्रामीणों की सेहत संवारने में सीएचओ की भूमिका अहम: डॉ आरके सिंह

एसीएमओ डॉ आर के सिंह ने उपस्थित सभी सीएचओ को अपने कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार बनने के लिए सलाह दिया। क्योंकि जिले में क्रियाशील सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं सहित सभी तरह के लोगों को उचित परामर्श एवं इलाज़ में सीएचओ को भूमिका काफ़ी अहम होती हैं। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टीबी बीमारी की जांच और उपचार मुहैया कराई जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ज़िलें के नागरिकों को सेहत संवारने के लिए हर तरह की चिकित्सा मुहैया कराई जा रही है। जिसके लिए सीएचओ तैयार किया गया है। वहीं गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को उचित सलाह भी दिया जाता है।

-बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ करने की जिम्मेदारी सीएचओ: आरपीएम

आरपीएम नजमुल होदा ने बताया कि बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ करने में सीएचओ की अहम भूमिका हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षित मातृत्व को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। क्योंकि जब तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों को बेहतर चिकित्सीय प्रबंधन से संबंधित जानकारी नहीं होगी तब तक लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकती हैं। समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों, गतिविधियों एवं आउटरिच (आरोग्य दिवस) पर उपलब्ध सेवाओं में सुधार के लिए ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के माध्यम से सामूहिक सामुदायिक कार्रवाई को नेतृत्व प्रदान करना, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सुरक्षित पेयजल, गुणवत्ता वाले आहार, कूड़े मुक्त परिसर स्वच्छ शौचालय, साफ चादर, सुव्यवस्थित तरीक़े से रहने की जिम्मेदारी होती हैं।

सीएचओ को किया गया प्रशिक्षित: प्रशिक्षक

ज़िले के सभी 30 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) का स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई दिशा-निर्देश के आलोक में प्रशिक्षित किया गया है। इस प्रशिक्षण में सामान्य प्रसव एवं शिशु जन्म किसी भी तरह की जटिलता के लिए प्राथमिक प्रबंधनए नवजात शिशुओं में खतरे के संभावित लक्षणों की पहचान, रेफर करने की प्रक्रिया, उच्च जोखिम वाले प्रसव की पहचान, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की जानकारी के अलाव जन्म के समय नवजात शिशुओं को त्वरित देखभाल जिसमें बच्चे की सांसो का चलना,रक्त संचार,
एचडब्ल्यूसी एनसीडी, टेलीमेडिसिन, टीबी, डीवीडीएमएस पर सभी सीएचओ को प्रशिक्षित किया गया। ताकि वे लोग अपने कार्यों को ठीक से निष्पादित कर सकें।इसके साथ ही सुरक्षित मातृत्व एवं मातृ स्वास्थ्य पर आगे की रणनीति के लिए विचार विमर्श किया गया।

मौके पर रीजनल अकाउंट मैनेजर राकेश रोशन, डीसीक्यूए डॉक्टर कमलेश शर्मा, डीपीसी पंकज कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.