कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह के अभिभाषण पर सदस्यों ने गहन विचार- विमर्श करते हुए ध्वनिमत से समर्थन किया।

प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने 17,24,27,58,009 रुपए के अनुमानित बजट में 16,26,76,06,493 रुपए की मांग राज सरकार से की गई।

#MNN@24X7 ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के जुबली हॉल में आयोजित अधिषद् की वार्षिक बैठक कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई, जिसमें 2023- 24 का प्रस्तावित बजट स्वीकृत किया गया। ज्ञातव्य है कि बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति ने इस बैठक की अध्यक्षता हेतु विश्वविद्यालय के कुलपति को अधिकृत किया था।

कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह ने सदस्यों का स्वागत करते हुए बैठक में अपना अभिभाषण प्रस्तुत किया, जिसपर सदस्यों ने गहन विचार- विमर्श करते हुए ध्वनि मत से स्वीकृति दी। अपने विचार व्यक्त करने वालों में अनिल कुमार झा, डा विजय कुमार झा, डा राम अवतार प्रसाद, श्याम किशोर प्रधान, विनय कुमार झा, प्रो दिलीप कुमार चौधरी, प्रो विनोद कुमार चौधरी, प्रो जितेन्द्र नारायण, डा शंभूनाथ ठाकुर, डा संत कुमार चौधरी, डा अशोक कुमार झा, राम सुभग चौधरी, डा अंजीत चौधरी, गगन कुमार झा, विजय कुमार, मो अबुशामा, डॉ सुरेश प्रसाद राय, प्रो नारायण झा, संतोष कुमार तथा प्रो विनय कुमार चौधरी शामिल थे।

अपने अभिभाषण में कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह ने कहा कि बिहार ज्ञान की उर्वर भूमि है, जिसमें मिथिला की अपनी अलग पहचान है। बदलती परिस्थिति एवं प्रतियोगिता के समय में हमें सकारात्मक सोच के साथ मानकों पर आगे बढ़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि चालू वर्ष में 40 सेमिनारों का आयोजन हुआ है, जिनमें हर विभाग द्वारा कम से कम एक राष्ट्रीय एवं एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार शामिल हैं। यहां नेट/ जेआरएफ उत्तीर्ण अनेक छात्र शोध कर रहे हैं।

केन्द्रीय पुस्तकालय का ऑटोमेशन का काम चल रहा है, जिसे ब्रेल सिस्टम से भी जोड़ा गया है। ई- लाइब्रेरी की स्थापना भी हो रही है, जिसका लाभ विश्वविद्यालय के छात्रों को नि:शुल्क मिलेगा। विश्वविद्यालय में शोध की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु ‘एंटी प्लेगेरिज्म’ पॉलिसी को अडॉप्ट करते हुए एक सेल का गठन किया गया है, जबकि शोध- प्रबंधों को शोधगंगा पर डालने का भी काम चल रहा है, ताकि शोध की गुणवत्ता एवं पवित्रता बनी रहे। इस वर्ष अब तक 111 पीएच डी मौखिकी हुए हैं। वहीं 1,2 2,367 मूल उपाधियां तैयार कर वितरित किए गए हैं।

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में उच्चस्तरीय शोध, अध्यापन एवं प्रयोग के उद्देश्य से एडवांस रिसर्च सेंटर की स्थापना हुई है जो विश्वविद्यालय के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। इससे बेहतरीन शिक्षकों के व्याख्यान, लैंग्वेज लैब की सुविधा, ऑनलाइन अध्यापन के साथ ही ई- बुक स्टडी कम ई- लर्निंग लैब सहित अनेक लैबों की सुविधा मौजूद हैं, जिसका विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों को अपनी पढ़ाई एवं शोध- कार्य में अत्यधिक लाभ होगा। उन्होंने कहा कि समुचित पढ़ाई एवं सत्र नियमित होने के कारण मिथिला विश्वविद्यालय में इस वर्ष स्नातक में कुल 1,64,422 छात्र- छात्राओं ने नामांकन लिया है जो गत वर्ष की तुलना में 10% अधिक है। विश्वविद्यालय मुख्यालय के सभी स्नातकोत्तर विभागों के छात्रों एवं शिक्षकों की पढ़ाई एवं सुविधा के लिए 60 कमरों का एक एकेडमिक ब्लॉक का निर्माण प्रारंभ होने वाला है। वहीं सभी पीजी विभागों में ‘इंटर- एक्टिव फ्लैट पैनल’ लगाई गई है, जिससे स्मार्ट क्लासेज चलाने में और भी अधिक सुविधा होगी। विश्वविद्यालय के इतिहास में दूसरी बार अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों के सेवानिवृत्त शिक्षकों को ‘शिक्षक दिवस’ के अवसर पर सम्मानित किया गया है। साथ ही सेवानिवृत्त शिक्षकेत्तर कर्मियों को भी सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण बनाने के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

कुलपति ने बताया कि इस वर्ष 621 नए अतिथि शिक्षकों को चयन कर पदस्थापित किया गया। उन्होंने विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर कई खेलों में सफलता की विस्तार से चर्चा करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल मैदान बनाने हेतु भारत सरकार को “खेलो इंडिया प्रोजेक्ट” के तहत प्रस्ताव भेजने की बात कही।

प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने विश्वविद्यालय का वित्तीय वर्ष 2023- 24 का बजट प्रस्तुत करते हुए अपने अभिभाषण में कहा कि पूरे बजट को सात खण्डों में बांट कर समुचित राशि का प्रावधान किया गया है। बजट राज्य सरकार के दिशा- निर्देश के अनुरूप विहित प्रपत्र में तैयार किया गया है। कुल 17,24,27,58,009 रुपए के अनुमानित बजट में 16,26, 76,0 6,493 रुपए की मांग राज्य सरकार से की गई है।

प्रस्तुत बजट को ध्वनिमत से स्वीकार करते हुए सदस्यों ने इसमें समुचित आंशिक संशोधन हेतु कुलपति, वित्तीय परामर्श तथा कुलसचिव को अधिकृत किया। सिनेट की बैठक आयोजित होने के कारण कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद द्वारा परंपरानुसार कल 23 दिसंबर को विश्वविद्यालय मुख्यालय सहित सभी पीजी विभागों एवं महाविद्यालयों को बंद रखने की घोषणा की। बैठक में सभी तरह के सीनेट सदस्य, पदाधिकारी संबंधित कर्मी एवं पत्रकार उपस्थित थे।

बैठक का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कुलसचिव प्रोफ़ेसर मुश्ताक अहमद ने कहा कि सीनेट की बैठक छात्र छात्राओं, शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मियों तथा विश्वविद्यालय के हित में होता है विश्वविद्यालय ने 32 नए विषयों की पढ़ाई की व्यवस्था हेतु राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने सिनेट की बैठक में सहयोग के लिए सभी सदस्यों, आयोजकों, शिक्षकों तथा मीडिया कर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किया। बैठक का समापन राष्ट्रगान के सामूहिक गायन से हुआ।