इनफेक्शन कंट्रोल,
एएनसी,एनक्यूएएस, कायाकल्प, एचडब्ल्यूसी से संबंधित दी गई जानकारी
#MNN@24X7 दरभंगा/3 दिसंबर। जिले के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एएनएम, स्टाफ नर्स,लैब टेक्नीशियन, लेखापाल एवं फार्मासिस्ट को इनफेक्शन कंट्रोल, एएनसी,एनक्यूएएस, कायाकल्प, एचडब्ल्यूसी से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया.
हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर आने वाले मरीजों का हो उपचार :
जपाईगो के प्रभात ठाकुर ने बताया स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण स्तर पर ब्लड शुगर बीपी,एचआईवी, टीवी, कोलेस्ट्रॉल इत्यादि 30 से ज्यादा प्रकार की जांच सुविधाएं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर होती है| इसके अलावा संबंधित बीमारियों के लिए सभी प्रकार की दवाइयां भी दी जाती हैं | उन दवाओं का किस प्रकार उपयोग किया जाए इसका भी परामर्श अस्पताल में आने वाले सभी लोगों को दिया जाता है। पहले प्राइमरी हेल्थ सेंटर में मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाता था| अब उसी केंद्र को ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ के तौर पर विकसित किया गया है| इस सेंटर पर कम्युनिकेबल और नॉन कम्युनिकेबल दोनों तरह की बीमारियों का इलाज होता है|
गर्भवती महिलाओं का होे एएनसी जांच :
प्रशिक्षण के दौरान केयर इंडिया के प्रशांत कुमार ने बताया अस्पतालों में इंफेक्शन प्रिवेंशन प्रोटोकॉल लागू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इस संबंध में एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए गए हैं।प्रशांत ने बताया जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) कराना आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रसव पूर्व जांच से मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। प्रत्येक महीने 09 एवं 21 तारीख को जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत विशेष कैंप का आयोजन किया जाता है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर परामर्श देना है। गर्भावस्था के दौरान 4 प्रसव पूर्व जांच से प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी आती है। प्रसव पूर्व जांच के अभाव में उच्च जोख़िम गर्भधारण की पहचान नहीं हो पाती है। इससे प्रसव के दौरान जटिलताओं की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है। इस अभियान की सहायता से प्रसव के पहले ही संभावित जटिलताओं की जानकारी प्राप्त हो जाती है। प्रसव पूर्व जांच में एनीमिक महिलाओं को आयरन एवं फोलिक एसिड की दवा देकर नियमित रूप से सेवन करने की सलाह दी जाती है।
केयर इंडिया के डीटीएल श्रद्धा झा ने बताया कायाकल्प योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं को विशिष्ट मानकों की दिशा में प्रोत्साहित करना, स्वास्थ्य सुविधाएं सहित स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक बनाना होता है। सामान्य रूप से विभिन्न अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा मुख्य रूप से तीन तरह की सुख सुविधाओं पर फोकस किया गया है। जिसमें स्वच्छता, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, हॉस्पिटल इंफेक्शन, मरीजों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों का उत्तम व्यवहार, जिस पर अस्पताल प्रशासन को कार्य करना होता है।
सदर अस्पताल, रेफ़रल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित कई अन्य अस्पतालों के सभी वार्डों में स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारियों द्वारा इलाजरत मरीजों या आने वाले अभिभावकों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए रखने का भी निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही अस्पताल में इलाजरत मरीजों से मिलने का समय भी निर्धारित किया जा रहा है।
प्रशिक्षण केयर इंडिया के डीटीएल श्रद्धा झा, जापाईगो के प्रभात ठाकुर व रीजनल अकाउंट मैनेजर विकाश रौशन क्षेत्रीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी ख़ातिबुर रहमान के द्वारा दिया गया.